Friday 20 April 2018

for my beloved papa


जब भी लड़खड़ाता हूँ जिन्दगी की राह में,
आपका वो चलना सिखाना याद आता है,
जब भी कोई गलती करता हूँ,
आपका वो डॉट के समझाना याद आता है,
जब भी आते हैं मेरी आँखों मे आँसू,
आपका वो गुदगुदा के हंसाना याद आता है,
जब भी पाता हूँ कोई मक़ाम ज़िन्दगी में,
आपका वो पीठ पर हाथ फिराना याद आता है,
मेरी परेशानी के पलों में ,
आपका वो मेरे सर पर हाथ याद आता है ,
छोटी उंगलियों से थामा वो हाथ याद आता है ,
चाहता हूँ ज़िन्दगी में हर पल साथ आपका,
हर एहसास मेरा आपके साथ चाहता हूँ,
मेरे सर पर सदा आपका हाथ चाहता हूँ।


                                                                                                                 ----- VAIBHAV SHAKYA