उनके दिए क़र्ज़ को अदा करना है ,
उनके प्रति हर फ़र्ज़ को पूरा करना है ,
उनके आशीर्वाद से ही सब होना है ,
वो ही है मुझे दुनिया दिखाने वाले ,
वो ही है जीना सिखाने वाले ,
कभी बयां नही किया उन्होंने दर्द मुझसे ,
मेरे हर दर्द ही दवा रखने वाले ,
एक दिन भी जीना उनके बग़ैर ,
ग़वारा नहीं मुझे,
वो ही हैं मुझे प्यार से बुलाने वाले,
ठंडी में कभी ठंड न लगी,
न गर्मी में गर्म ,
वो ही हैं प्यार की चादर से,
सब को सुलाने वाले ,
वो ही है मेरे चेहरे पर ,
हर मुस्कान की वज़ह ,
वो ही है गुदगुदा के हँसाने वाले ,
जो भी मैंने चाहा वो सब मिला मुझको,
वो ही हैं हर ख्वाहिश पूरी करने वाले,
साथ उनकी सदा परछाई चाहता हूँ,
:-- वैभव शाक्य (एक सुधा कृति)